Oct 10, 2009

कखन हरब दुःख मोर हे भोला नाथ

कखन हरब दुःख मोर हे भोला नाथ |
दुखहि जनम भेल दुखहि गमएब
सुख सपनेहु नहि भेल, हे भोलानाथ ||
आछत चानन अबर गंगाजल
बेलपात तोहि देब, हे भोलानाथ |
यहि भवसागर थाह कतहु नहि
भैरव धरु कर आए, हे भोलानाथ
भन विद्यापति मोर भोलानाथ गति
देहु अभय वर मोहि हे भोलानाथ ||

करय चलल महुअक हर हे कोबर घर

करय चलल महुअक हर हे कोबर घर,
माइ हे, खीर खाँड़ नहि खाथि, के भाँग भकोसल |
सासु जे महुअक राँधल से सेराओल,
माइ हे, सरहोजि मुह मध ढार, कि जोग जनाओल
सासु सरहोजि बैसलि घेरि छवि हेरि हेरि,
माइ हे, सुखसं कर परिहास, कि हरसं बेरि बेरि |
भनहि वियापति गाओ़ल, सुख पाओल,
गौरिक पुरल भाग, मिलल वर शंकर ||

Sep 30, 2009

जय जय भगवती

जय जय भगवती जय महमाया |
त्रिपुर सुन्दरि देवि करू दाया || आहेमता ||
दालिम कुसुम सम अ तनु छवि |
तखने उदित भेल जनि रबी ||
धनुसर पास अंकुस हाथ |
तेतिस कोटि देव नाव माथ ||
चंगिम उपमा केओ पाव |
काम रमनि दासि पद पाव ||

जय जय भैरवि असुर-भयाउनि

जय जय भैरवि असुर-भयाउनि
पशुपति - भामिनी माया |
सहज सुमति वर दिअओं गोसाउनि
अनुगत गति तुअ पाया ||

वासर रैन शवासन शोभित
चरण चन्द्रमणि चूडा |
कतओक दैत्य मारि मुख मेलल
कतओं उगिलि कैल कूड़ा ||

सामर वरन नयन अनुरंजित
जलद जोग फूल कोका |
कट कट विकट ओठ फुट पाँड़रि
लिधुर फेन उठ फोका ||

घन घन घनन नुपुर कत बाजय
हन हन कर तुअ काता |
विद्यापति कवि तुअ पद सेवक
पुत्र बिसरि जुनी माता ||

Sep 25, 2009

जय जय भगवती

जय जय भगवती भीमा भवानी |
चारि वेदें अवतरु ब्रह्मानी ||
हरी हर ब्रह्मा पुछइते भमे |
एकओ न जान तुअ पद मरमे ||
भनइ विद्यापति राइ मुकुटमनि |
जीबओ रूपनारायण नृप-धरनि ||

|| ज़िन्दगी कहती है ज़िन्दगी
से के अगर साथ रहा ज़िन्दगी का
तो साथ रहेगी ज़िन्दगी के ||
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