वर बौराह उमाके
वर बौराह उमाके
सोचहिं नारि निहारि ||
फनि मनि मौलि विराजित
सिर सुरसरि बहु धार ||
भाल विसाल सुधाकर
कर त्रिसुल त्रिपुरारि ||
बाहन बसहा दिगम्बर
परिजन भूत बेताल |
आक धथुर विष भोजन
विजया प्रान अधार |
कह ऋषिरानि रजासौ
कन्या रहलि कुमारि |
दुल्हिन जोग दूल्हा नहि
दुलहिनि बडि सुकुमारि ||
कह जगजननी जननीसौं
चिंता छोरु हमारि |
जतय जाएब ततए दुःख सुख
लिखल मेटल नहि जाय ||
शिवशंकर वर ईशवर
नाथ चरन चित लाय |
गिरिजा नहिमँ आनन्दित
विद्यापति कवी गाय ||
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