हे हर जानि भेल गुरु देव द्वार
हे हर जानि भेल गुरु देव द्वार
आब हम करब कोन परकार |
अशरण शरण धयल हम तोहि
अबला जानि बिसरलह मोहि |
भाँग खाय शिव सुतलाह भोर
तें अति दुरगति होइछ मोर |
बिनु धन धरम कयल नहि जाय
ताहि करब हम कोन उपाय |
भनहि विद्यापति सुनु शूलपानि
दिअओ अभयवर सहित भवानि |
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