रुसि चललि गौरि तेजि महेश
रुसि चललि गौरि तेजि महेश |
कर धय कार्तिक कोर गणेश ||
तोहैं गौरि जनि नैहर जाह |
त्रिशूल बाघम्बर बेचि बरु खाह ||
त्रिशूल बाघम्बर रह वर पाय |
हम दुःख काटब नैहर जाय ||
देखि अयलहूँ गौरि नैहर तोर |
सभहुक परिहन बाकल डोर ||
जनि उकटिअ सिव नैहर मोर |
नाड़टसं भाल बाकल डोर ||
मोर वचने तेजि चललिह रुसि |
नैहर पोसल हमर घर मुस ||
भनहिं विद्यापति सुनिय महेस |
नीलकंठ भय हरिय कलेस ||
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