Aug 31, 2009

हम सौं रुसल महेशे

हम सौं रुसल महेशे |
गौरि विकल मन करथि उदेशे ||

पुछिय पंथुक जन तोही |
पथ देखल कंहू बुबटोही ||

अंगमे विभूति अनुपे |
कतेक कहब हुनि जोगिक रूपे ||

विद्यापति भन ताही |
गौरि हर लय भेलि बताही ||

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|| ज़िन्दगी कहती है ज़िन्दगी
से के अगर साथ रहा ज़िन्दगी का
तो साथ रहेगी ज़िन्दगी के ||
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