हम सौं रुसल महेशे
हम सौं रुसल महेशे |
गौरि विकल मन करथि उदेशे ||
पुछिय पंथुक जन तोही |
ऐ पथ देखल कंहू बुढ बटोही ||
अंगमे विभूति अनुपे |
कतेक कहब हुनि जोगिक रूपे ||
विद्यापति भन ताही |
गौरि हर लय भेलि बताही ||
हम सौं रुसल महेशे |
गौरि विकल मन करथि उदेशे ||
पुछिय पंथुक जन तोही |
ऐ पथ देखल कंहू बुढ बटोही ||
अंगमे विभूति अनुपे |
कतेक कहब हुनि जोगिक रूपे ||
विद्यापति भन ताही |
गौरि हर लय भेलि बताही ||
Posted by Maithil at 9:47 AM
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