शिव हे भलि अनुगति फल भेला
शिव हे भलि अनुगति फल भेला |
एतए संगति अति
परतर कञोन गति
मनहि मनोरथ रहला ||
तोहें होएब परसन
पाओब अमूल धन
जनम खपलि तें आसे |
जमहु संकट पुनु
उपेखि हलह जनु
सेओलाहूँ बड़े परआसे ||
नयन स्रवर गेले
तनु अवसर भेले
जदि तोहें होयब परसने |
कि करब ततिखने
हअ गअ मनि धने
झाँखइते व्याकुल मने ||
हरि कमलासन
ईद चाँद गन
सबे परिहरि हमे देवा |
भगतबछल हर
सुनिअ महेसर
इ जानि कयल तुअ सेवा ||
विद्यापति भन
पुरह हमर मन
जनु होअ जम अवसादे |
हरह हमर दुःख
तथुहू तोहर सुख
सबे होअ तुअ परसादे ||
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