माटी भलि
माटी भलि जोहि कहू आनलि बानी |
शम्भू अराधय चलली भवानी ||
आक धुथुर फूल दय मोयं जोही |
जगत जनमि दर छाडल मोही ||
जे किंकर मोर कि करत अंगे |
रह अपराधी बलिया संगे ||
जे सबे कयल हर सबे मोर दोसे |
से सबे कयल हर तोहरि भरोसे ||
भनइ विद्यापति शंकर सुनु |
अन्तकाल मोहि बिसरह जुनी ||
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