मंगले बिलहिअ सिंदूर पिठारे
मंगले बिलहिअ सिंदूर पिठारे |
तोहें भलि सोम्पलि साजि भरि छारे ||
चलह चलह हर पलटि दिगंबर |
हमार गोसाउनि तोहें न जोग वर ||
हरहु चाहि गुरु गउरवे गोरी |
की करब त जयमाल तोरी ||
नअने निहाराब सम्भ्रम लागी |
हिमगिरि धिअ सहब कइसे आगी ||
भाल बरइ नयनानल रासी |
झरकत मउंल डाढति पट्वासी ||
बड़े सुखें सासू चूमओबह मथा |
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