Sep 3, 2009

आगे माइ

आगे माइ जोगिआ हमार जगत सुखदायक दुःख ककरहु नहीं देथि |

एहि जोगिआकें भंग पिया धतूर खोआ धन लेथि |

आगे माइ, कातिक गनपति दुइज़न बालक जग भरि के नहि जान |

तनिक नहि किछु अभरन थिकइन रति एक सों नहि कान |

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|| ज़िन्दगी कहती है ज़िन्दगी
से के अगर साथ रहा ज़िन्दगी का
तो साथ रहेगी ज़िन्दगी के ||
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