दोला तर
दोला तर नबइते ससि खसि पडू
भाघछालं गेल छिडिआइ |
तेहि अमिउ रसें मृगरिपु जिबि उठु
भागें मोउ अएलांहू पडाइ ||
दोसर विधि पडिचान चढि बइसलाहे
जखने दिगम्बर आइ रे |
लाजक लेलि गोरि नहि आबए
सखि सबे गेलि पडाइ ||
माइ हे माड़ब मोउ नहि जएबे
जहाँ बस उमत जमाइ ||
पएर धोअए खने दूध पिउल फ़नी
हर लागल तसु चोरी |
सबे सबतहु करताल बजाबए
मधुर हांसें हँसू गोरी ||
सासुहि संकरक वदन उन्गारल
आँचर छान्दल ग्रिमपासे
देखि गिरी भाने कुच चढ़लाहे ||
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