Sep 8, 2009

तोहें प्रभु

तोहें प्रभु त्रिभुवन-नाथ हे
हम निरदिस अनाथ हे |
करम धरम तप हीन हे
पड़लहूँ पाप-अधीन हे |
बेड़ भासल मझधार हे
भैरव धरु करुआर हे |

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से के अगर साथ रहा ज़िन्दगी का
तो साथ रहेगी ज़िन्दगी के ||
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