Sep 24, 2009

बुढ़बा हे रंग रसिया

बुढ़बा हे रंग रसिया | जतय गौरी देखु ततय बिहुसिया |
बुढारी वयस हरकें बालक भेल | नहिं घर उबटन नहिं घर तेल |
मग्निक साड़ी देलन्हि ओछाय | चन सूर्य देल देहरि बैसाय |
भनहि विद्यापति सुनिय महेसिया | हरके चरित्र देखि हंसथी परोसिया |

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से के अगर साथ रहा ज़िन्दगी का
तो साथ रहेगी ज़िन्दगी के ||
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