तोहें प्रभु
तोहें प्रभु त्रिभुवन-नाथ हे
हम निरदिस अनाथ हे |
करम धरम तप हीन हे
पड़लहूँ पाप-अधीन हे |
बेड़ भासल मझधार हे
भैरव धरु करुआर हे |
तोहें प्रभु त्रिभुवन-नाथ हे
हम निरदिस अनाथ हे |
करम धरम तप हीन हे
पड़लहूँ पाप-अधीन हे |
बेड़ भासल मझधार हे
भैरव धरु करुआर हे |
Posted by Maithil at 1:55 PM
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